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Wednesday, May 9, 2012

आपके लिए


छाया चित्रण: निशिता बनर्जी


खूब जतन से तस्वीर बनायीं है बहुतो की,
मगर दिल में उतर सका न कोई
मगर आप तो हर तरफ नजर आती हैं इस कदर
की जैसे सहूलियत हो जीने में कोई।





2 comments:

  1. ek mashoor ghazal ka sher likhta hun,

    "Sabka chehra tere jaisa kyun hai,
    Ye mujhe waham sa hota kyun hai"

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