तू हि सब है
मै जिस्म, तू रुह है
तू हमेशा है, मै कभी नही
तेरे होने से सब है
मेरा होना ही कुछ नही
तू थामे जो मुझको
तो जी लूँगा, ये है यकीं
गर ना मिली तू
फिर मेरी दुआ मे कुछ कमी
हर पल चाहा तुझे है
बस ये ईनायत, और कुछ मांगा नही
तेरे होने से सब है
मेरा होना ही कुछ नही
-सूरज
मै जिस्म, तू रुह है
तू हमेशा है, मै कभी नही
तेरे होने से सब है
मेरा होना ही कुछ नही
तू थामे जो मुझको
तो जी लूँगा, ये है यकीं
गर ना मिली तू
फिर मेरी दुआ मे कुछ कमी
हर पल चाहा तुझे है
बस ये ईनायत, और कुछ मांगा नही
तेरे होने से सब है
मेरा होना ही कुछ नही
-सूरज
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